लानत है ए हिन्दू तेरे काले मुंह पर
कि तेरे धर्म में ऐसे कायर और गद्दार पैदा हुए जिनके कारण तेरे पूज्य "भगवान श्री राम" को एक छत तक न मिल सकी और वो त्रिपाल के नीचे विराजमान हैं।
अरे मूर्ख ! जब तू बहुसंख्यक हो कर भी एक मंदिर तक नहीं बना सका तो अल्पसंख्यक होकर क्या अपना अस्तित्व बचा पायेगा?
अगर ये गद्दार इसी तरह से सफल होते रहे तो वो दिन भी दूर नहीं जब ये हिंदुस्तान की धरती भी उसी तरह से हिन्दू विहीन हो जाएगी जिस तरह से "पाकिस्तान,बंगलादेश और काश्मीर" हिन्दू विहीन हो गया और इसकी शुरुवात तेरे हिंदुस्तान में भी हो चुकी है