जो भी आतंकवाद के धर्म का निर्णय नहीं कर सके तो पक्का है कि एक दिन उनके धर्म का निर्णय आतंकवाद ही करेगा।
आंखों से काला पट्टी उतार दो सेकुलर कुत्तों नहीं तो तुम्हारी बहन बेटिया भी कल किसी मुल्ले के यहाँ मुजरा कर रही होंगी और तुम सिर नीचे करके तबला बजा रहे होंगे !!